उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक बयान में कहा कि कुछ लोगों ने अयोध्या को मजहबी जुनून और तुष्टिकरण का केंद्र बना दिया है। उनके अनुसार, इस पवित्र शहर को उपद्रव और संघर्ष का अड्डा बनाने की कोशिश की गई है, जो न केवल धार्मिक स्थलों की गरिमा को धूमिल करता है, बल्कि समाज में भी असहमति और तनाव को बढ़ावा देता है। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है, और इसे उसकी सही पहचान के साथ देखा जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि अयोध्या में शांति और समरसता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि सभी समुदाय एक साथ मिलकर अयोध्या की विरासत को संजोएं और इसके विकास में योगदान दें। योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि राज्य सरकार अयोध्या के विकास के लिए कई योजनाएं बना रही है, ताकि यह शहर न केवल धार्मिक यात्रा का केंद्र बने, बल्कि पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों का भी केंद्र बन सके।
उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक धरोहर को भी पुनर्जीवित करेगा। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि अयोध्या को विवाद और संघर्ष का स्थल नहीं बनने दिया जाएगा, बल्कि इसे एक शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य की ओर ले जाने का प्रयास किया जाएगा। इस प्रकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास और शांति के लिए संकल्पबद्ध होने का आवाहन किया।